卷二

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1。

    初,北戎病齊2,諸侯救之,鄭公子忽有功焉。

    齊人饩諸侯,使魯次3之,魯以周班後鄭4,鄭人怒,請師于齊,齊人以衛師助之,故不稱侵伐5,先書齊、衛,王爵也6。

     今注 1我有辭也:我有理由可說。

     2北戎病齊:北戎侵伐齊國,見桓公六年。

     3次:為班鄭饩的次序。

     4周班後鄭:鄭隻是伯爵,論爵位的班次,在各侯爵的下面。

     5不稱侵伐:隻言戰,而不言侵略。

     6先書齊、衛,王爵也:雖然主持軍隊的是鄭人,但因為齊、衛皆是侯爵,所以竹簡上以王爵為高下,隻寫齊、衛。

     今譯 冬,齊國、衛國和鄭國來與魯國交戰于郎的地方。

    我們魯國有理由可以說明他們來戰的原因。

    起初,北戎侵伐齊國,諸侯派兵援救他,鄭公子忽最有功勞。

    當齊國人把食物贈送給諸侯時,派魯國大夫負責排定分送的次序,他按照諸侯爵位的班次,把鄭國排在後面。

    鄭國人很生氣,所以就向齊國請求出兵,齊人又以衛國軍隊幫助他。

    所以經上不說是侵伐,并且鄭國主戰,而先寫齊、衛,是依照王爵為高下的緣故。

     桓公十一年(公元前七○一年) 經十有一年春正月,齊人、衛人、鄭人盟于惡曹。

     傳十一年春,齊、衛、鄭、宋盟于惡曹1。

     今注 1惡曹:服虔說:經不書宋,因為宋後盟。

    杜預注:惡曹地阙,不知今何地名。

     今譯 十一年,春,齊國、衛國、鄭國和宋國會盟于惡曹。

     傳楚屈瑕1将盟貳、轸2,鄖3人軍于蒲騷4,将與随、絞5、州6、蓼7,伐楚師,莫敖患之8。

    鬬廉曰:“鄖人軍其郊,必不誡9,且日虞四邑之至10也,君11次于郊郢12,以禦四邑,我以銳師宵加13于鄖,鄖有虞心14而恃其城15,莫有鬥志,若敗鄖師,四邑必離16。

    ”莫敖曰:“盍17請濟師18于王?”對曰:“師克在和不在衆,商周之不敵19,君之所聞也。

    成軍以出20,又何濟焉?”莫敖曰:“蔔之21。

    ”對曰:“蔔以決疑22,不疑何蔔23?”遂敗鄖師于蒲騷,卒盟24而還。

     今注 1屈瑕:屈姓為楚大姓,楚武王生子瑕封于屈,因以為氏。

     2貳、轸:皆匽姓國,在今湖北省應山縣境。

     3鄖:音雲,是國名,鄖姓。

    在今湖北省雲夢湖旁。

     4蒲騷:在今湖北省應城縣北三十裡。

     5絞:國名,在今湖北省鄖陽縣西北。

     6州:國名,在今湖北省監利縣東三十裡有州陵城。

     7蓼:音了,國名,在今河南省唐河縣南八十裡。

     8莫敖患之:莫敖是楚官名,就是屈瑕。

    患之指以鄖人這種做法為憂患。

     9必不誡:必然沒有防備。

     10日虞四邑之至:王念孫說:“《方言》及《廣雅》皆曰:‘言日望四邑之至也。

    ’”較杜注謂虞為度為優。

     11君:謂屈瑕。

     12郊郢:楚地,在今湖北省安陸縣有故郢城。

     13銳師宵加:精銳的軍隊夜中進兵。

     14鄖有虞心:鄖國有希望四邑來救的心。

     15而恃其城:而仗恃他的城近能守。

     16離:分離。

     17盍:何不。

     18濟師:增益軍隊。

     19商周之不敵:商指纣,周指武王,這是根據《尚書·泰誓》篇“纣有億兆夷人,亦有離德;餘有亂臣十人,同心同德”。

     20成軍以出:将軍隊組織好出發。

     21蔔之:占蔔。

     22蔔以決疑:占蔔是為了解決疑難。

     23不疑何蔔:沒有疑難又何必占蔔。

     24卒盟:終于與貳、轸兩國盟誓。

     今譯 楚國的屈瑕将要與貳國及轸國會盟。

    這時,鄖國人駐軍在蒲騷,将要與随國、絞國、州國、蓼國一起攻伐楚國軍隊。

    莫敖屈瑕為此很發愁。

    鬬廉向他說:“鄖國人駐軍在他們的都城的郊外,必然沒有戒備,并且每天盼望四國軍隊的來臨。

    你去駐軍在郊郢以抵禦四國的軍隊,我用精銳的部隊趁夜向鄖國進兵。

    鄖國人的心裡希望着四國來救,而且仗恃着靠近自己的都城,因此不會有戰鬥的意志。

    若是擊敗了鄖國軍隊,四國必生離心。

    ”莫敖說:“何不向國王請求援軍呢?”鬬廉回答說:“軍隊的勝利在于協作,不在于人數衆多。

    商纣和周武王兩人的軍隊數目相差很遠,是你所知道的。

    将軍隊組織好才前進,又為何要增兵呢?”莫敖說:“用占蔔來決定吧!”鬬廉回答說:“占蔔是為了解除疑慮,既沒有疑慮,何必要占蔔?”于是,鬬廉擊敗了鄖國軍隊于蒲騷。

    莫敖完成了與貳國及轸國的會盟而後才回國。

     傳鄭昭公之敗北戎也1,齊人将妻之,昭公辭。

    祭仲曰:“必取之,君多内寵2,子無大援3,将不立4,三公子5皆君也。

    ”弗從。

     今注 1鄭昭公之敗北戎也:已見桓公六年。

     2内寵:鄭莊公内寵的夫人甚多。

     3子無大援:沒有大國的援助。

     4将不立:因此不能繼立為君。

     5三公子:指子突、子亹、子儀。

     今譯 當年鄭昭公擊敗北戎以後,齊國将把女兒嫁給他,鄭昭公推辭。

    祭仲對他說:“必要娶了才好。

    我們的國君有很多的内寵,您若沒有大國的援助,恐怕将不能繼立為國君。

    三位公子都是和您競争君位的人。

    ”但鄭昭公沒有聽他的話。

     經夏五月癸未,鄭伯寤生卒。

     傳夏,鄭莊公1卒。

    初,祭封人仲足2有寵于莊公,莊公使為卿,為公娶鄧曼3,生昭公,故祭仲立之。

    宋雍氏4女5于鄭莊公,曰:雍姞6,生厲公。

    雍氏宗7有寵于宋莊公。

    故誘祭仲而執之8。

    曰:“不立突9,将死。

    ”亦執厲公而求賂10焉。

    祭仲與宋人盟,以厲公歸而立之。

     今注 1鄭莊公:鄭伯寤生。

     2祭封人仲足:祭在今河南省中牟縣。

    封人是管封疆的小吏。

     3鄧曼:曼音萬,曼為鄧姓。

     4雍氏:姞姓,宋國的大夫。

     5女:以女嫁人曰女,是動詞。

     6雍姞:因為她是姞姓的女孩,女子稱姓不稱氏。

    姞音吉。

     7雍氏宗:雍氏的宗祖。

     8故誘祭仲而執之:所以引誘祭仲往宋國而将他擒獲。

     9突:厲公名。

     10求賂:要求賄賂。

     今譯 夏天,鄭莊公逝世。

    起初,祭地的封人仲足得到莊公的寵信,莊公派他做卿,代表莊公迎娶鄧曼,生了昭公,所以祭仲立昭公為國君。

    而宋國大夫雍氏也曾把女兒雍姞嫁給鄭莊公,生了厲公。

    雍氏的宗人得到宋莊公的寵信,所以誘騙祭仲到宋國,然後把他抓起來,對他說:“不立公子突(厲公),就要你的性命。

    ”同時也挾執厲公借以求取賄賂。

    祭仲隻好與宋人盟誓,然後帶着厲公回到鄭國,立他為國君。

     經秋七月,葬鄭莊公1。

     今注 1葬鄭莊公:鄭莊公卒方才三個月,就予以埋葬,可見甚速。

    此經無傳。

     今譯 秋,七月,安葬鄭莊公。

     經九月,宋人執鄭祭仲,突歸于鄭,鄭忽出奔衛。

     傳秋九月丁亥,昭公1奔衛。

    己亥,厲公立。

     今注 1昭公:公子忽。

     今譯 秋,九月丁亥,鄭昭公出奔到衛國。

    己亥,鄭厲公立為國君。

     經柔1會宋公、陳侯、蔡叔,盟于折2。

     今注 1柔:魯大夫。

     2折:魯地,今地名阙。

    此經無傳。

     今譯 魯大夫柔會見宋公、陳侯及蔡叔,與他們盟誓于折。

     經公會宋公于夫鐘1。

     今注 1夫鐘:郕地,在今山東省甯陽縣盛鄉城北有夫鐘裡。

    夫音扶。

    此經無傳。

     今譯 魯桓公會見宋公于夫鐘。

     經冬十有二月,公會宋公于阚1。

     今注 1阚:在今山東省汶上縣西有阚亭在南旺湖中。

    此經無傳。

     今譯 冬,十二月,魯桓公會見宋公于阚。

     桓公十二年(公元前七○○年) 經十有二年春正月1。

     今注 1《左氏春秋》每年必完備事實,此條仍沿此例,以後不再注。

    此經無傳。

     今譯 十二年,春,正月。

     經夏六月壬寅,公會杞侯、莒子盟于曲池。

     傳十二年夏,盟于曲池1,平杞莒2也。

     今注 1曲池:魯地,在今山東省甯陽縣東北有曲水亭。

     2平杞莒:自從隐公四年莒人伐杞,自是遂由魯國出面為講和平。

     今譯 十二年,夏,會盟于曲池,為的是使杞國與莒國講和。

     經秋七月丁亥,公會宋公、燕人盟于穀丘。

     今譯 秋,七月丁亥,魯桓公會見宋公和燕人,盟誓于穀丘。

     經八月壬辰,陳侯躍1卒。

     今注 1陳侯躍:陳厲公,名躍。

    此經無傳。

     今譯 八月,壬辰,陳侯躍逝世。

     經公會宋公于虛。

     今譯 魯桓公會見宋公于虛。

     經冬十有一月,公會宋公于龜。

     今譯 冬,十一月,魯桓公會見宋公于龜。

     經丙戌,公會鄭伯,盟于武父。

     今譯 丙戌,魯桓公會見鄭伯,盟誓于武父。

     經丙戌,衛侯晉卒。

     今譯 丙戌,衛侯晉逝世。

    此經無傳。

     經十有二月,及鄭師伐宋。

    丁未,戰于宋。

     今譯 十二月,魯國和鄭國軍隊讨伐宋國。

    丁未,交戰于宋。

     傳公欲平宋鄭。

    秋,公及宋公盟于句渎之丘1,宋成2,未可知也,故又會于虛3。

    冬,又會于龜4,宋公辭平5,故與鄭伯盟于武父6,遂帥師而伐宋,戰焉,宋無信也。

    君子曰:“苟信不繼,盟無益7也。

    《詩》雲:‘君子屢盟,亂是用長8。

    ’無信也。

    ” 今注 1句渎之丘:句音勾,渎音豆,杜預與應劭皆謂穀丘,宋地。

    在今山東省曹縣北三十裡,今其地名句羊店。

     2宋成:和宋國的和平。

     3虛:宋地,據《欽定春秋傳說彙纂》疑在今河南省睢縣境。

     4龜:宋地,《欽定春秋傳說彙纂》亦疑在今河南省睢縣境。

     5辭平:拒絕講和。

     6武父:鄭地,在今山東省東明縣西南。

     7苟信不繼,盟無益:假使信用不能持久,會盟也沒用處。

     8君子屢盟,亂是用長:君子屢次會盟,而亂禍仍舊生長。

    此據《詩經·小雅》。

     今譯 魯桓公想要促成宋國和鄭國和好。

    秋天,桓公與宋公會盟于句渎之丘。

    因為宋國和平的誠意還不能确知,所以桓公又和宋公會盟于虛。

    到了冬天,桓公與宋公再會盟于龜。

    而宋公終于拒絕講和,所以桓公與鄭伯會盟于武父。

    于是就率領軍隊讨伐宋國,與宋國交戰,因為宋國不講信用。

    君子說:“假使信用不能持久,會盟也沒有用處。

    《詩經·小雅》說:‘君子屢次會盟,而亂事仍舊滋長。

    ’這是不講信用的緣故。

    ” 傳楚伐絞1,軍其南門2。

    莫敖屈瑕曰:“絞小而輕,輕則寡謀3,請無采樵者以誘之4。

    ”從之,絞人獲5三十人,明日,絞人争出6,驅楚役徒7于山中,楚人坐其北門8,而覆諸山下9,大敗之,為城下之盟10而還。

    伐絞之役11,楚師分涉于彭12,羅13人欲伐之,使伯嘉14諜之15,三巡數之16。

     今注 1絞:國名,在今湖北省鄖陽縣西北。

     2軍其南門:列軍在絞國都城的南門。

     3絞小而輕,輕則寡謀:絞國很小,而又輕敵,就寡少計策。

     4無采樵者以誘之:不要派軍隊保衛楚國采薪的人,來引誘絞人。

    音汗。

     5獲:捕獲楚人。

     6絞人争出:絞人受了引誘,争相出來。

     7驅楚役徒:驅逐楚國采薪的人。

    役徒是采薪的人。

     8坐其北門:看守都城的北門。

     9覆諸山下:設伏兵在山下。

     10城下之盟:不退兵而盟誓之謂,因為春秋時代,城下之盟是各國深以為恥的。

     11伐絞之役:役是戰役。

     12分涉于彭:彭是水名,《後漢書·地理志》:“房陵有築水。

    ”築水就是彭水,房陵即今之湖北房縣。

    分涉指分批渡過。

     13羅:熊姓,在今之湖北省宜城縣西二十裡羅川城。

     14伯嘉:是羅大夫。

     15諜之:暗中來窺伺。

     16三巡數之:分三次才數清楚國軍隊的數目。

     今譯 楚國攻伐絞國,列軍在絞國都城的南門。

    莫敖屈瑕說:“絞國弱小而輕薄,輕薄就少有計謀。

    請不要派軍隊保衛我國采薪的人,以引誘絞國人。

    ”就照他的話辦,絞國人捕獲了三十個楚國人。

    第二天,絞國人争相出城,到山中去追逐楚國的采薪人。

    楚國人就守住絞國的北門,而把軍隊埋伏在山下,終于大敗絞國人,訂立了城下之盟而回。

    在這次攻伐絞國的戰役中,楚國軍隊分批渡過彭水,羅國人想乘機攻擊他們,便派伯嘉去暗中窺伺,分三次才數清楚國軍隊的數目。

     桓公十三年(公元前六九九年) 傳十三年春,楚屈瑕伐羅,鬬伯比送之,還,謂其禦1曰:“莫敖必敗,舉趾高心不固矣2。

    ”遂見楚子曰:“必濟師3。

    ”楚子辭焉。

    入告夫人鄧曼4。

    鄧曼曰:“大夫其非衆之謂5,其謂君撫小民以信,訓諸司6以德,而威莫敖以刑7也。

    莫敖狃8于蒲騷之役9,将自用也10,必小羅,君若不鎮撫11,其不設備12乎?夫13固謂君訓衆而好鎮撫之14,召諸司而勸之以令德15,見莫敖而告諸天之不假易16也!不然,夫17豈不知楚師之盡行也。

    ”楚子使賴18人追之,不及。

    莫敖使徇19于師曰:“谏者有刑20。

    ”及鄢21,亂次以濟22,遂無次,且不設備23。

    及羅,羅與盧戎24兩軍之25,大敗之。

    莫敖缢26于荒穀27,群帥囚于冶父28,以聽刑。

    楚子曰:“孤29之罪也,皆免之30。

    ” 今注 1其禦:鬬伯比的車夫。

     2舉趾高心不固矣:腳擡得很高,證明他的心不定。

     3必濟師:必須增加軍隊。

     4鄧曼:是楚武王的夫人,鄧國之女,曼姓。

     5大夫其非衆之謂:大夫指鬬伯比。

    他所說并非指增加軍隊。

     6諸司:指百官而言。

     7威莫敖以刑:用刑罰來威吓莫敖。

     8狃:習慣而不以為意。

     9蒲騷之役:在桓公十一年。

     10将自用也:自以為上次蒲騷之役的勝利,而信用自己。

     11鎮撫:鎮壓撫綏之謂,此有戒饬莫敖之意。

     12其不設備:将不備戰。

     13夫:指第三者,即鬬伯比而言。

     14訓衆而好鎮撫之:訓誡衆人而善于鎮壓撫綏他們。

     15勸之以令德:用美善的德行來規勸他。

     16天之不假易:王念孫說:“假易,猶寬縱也。

    天不假易謂天道之不相寬縱也。

    ” 17夫:仍指鬬伯比。

     18賴:據《欽定春秋傳說彙纂》,賴國在今河南省商城縣南名賴亭。

     19徇:遍布命令。

     20谏者有刑:凡谏诤者即處以極刑。

     21鄢:現在湖北省宜城縣南有宜城故城即古鄢國。

    今按《水經注》,鄢水亦名宜水,此即洪亮吉所謂淇水。

     22亂次以濟:過河的時候,不按着軍隊的行列。

     23且不設備:并且不預為戒備。

     24盧戎:盧在今湖北省南漳縣東五十裡。

     25兩軍之:兩邊軍隊來攻擊莫敖。

     26缢:初民社會相信身體若在生時受有傷害,其痕迹必帶在死後,英人弗來則(H.G.Frazer)對此有專文研究。

    所以春秋時,人仍不欲以劍器自殺,而必自缢,以保存屍體。

    這種思想一直至清代新刑律以前,曆代斬頭皆重于絞刑,即由于此。

     27荒穀:在今湖北省江陵縣東,據《荊州記》,州東三裡,有三湖,湖東有水,名荒穀。

     28冶父:今湖北省江陵縣東。

    《水經注》:“荒穀東岸有冶父城。

    ” 29孤:楚稱王,故自稱曰孤。

     30皆免之:赦免諸将領的罪。

     今譯 十三年,春,楚國的屈瑕将去攻伐羅國。

    鬬伯比為他送行,回來以後,對他的車夫說:“莫敖必定要失敗的。

    他的腳擡得很高,證明他的心不定。

    ”于是就去見楚子,對楚子說:“必要增加軍隊支援屈瑕才好。

    ”楚子拒絕。

    楚子進到室内,把這件事告訴他的夫人鄧曼。

    鄧曼說:“他所說的并不是指增加軍隊,而是說您安撫小百姓要用誠信,訓示諸位官員要用德行,而威臨莫敖要用刑罰。

    莫敖習慣于蒲騷之役的勝利,而信用自己的才幹,必定小看了羅國。

    您若不加以鎮壓撫綏,豈不是等于不備戰嗎?他的意思當然是說,您應該訓誡衆人而好好地鎮壓撫綏他們,召集諸位官員而用美德規勸他們,親見莫敖而告訴他天道的不相寬縱。

    不然,他難道不知道楚國軍隊已經都動員了嗎?”楚子就派賴國人去追莫敖屈瑕,沒有追到。

    莫敖派人在軍中發布命令說:“凡诤谏的人就處以極刑。

    ”軍隊到達鄢水邊,渡河的時候,行列大亂,于是全軍就不再有秩序,并且毫無戒備。

    到達羅國,羅國與盧戎的軍隊兩面合攻莫敖,完全把他擊敗。

    莫敖上吊自殺于荒穀,其他諸位将領被囚在冶父,以聽候判罪。

    楚子說:“這是我的罪,把他們都赦免了吧!” 經十有三年春二月,公會紀侯、鄭伯。

    己巳,及齊侯、宋公、衛侯、燕人戰,齊師、宋師、衛師、燕師敗績。

     傳宋多責賂于鄭1,鄭不堪命2,故以紀、魯及齊與宋、衛、燕戰,不書所戰3,後也4。

     今注 1宋多責賂于鄭:桓公十一年,宋執厲公而求賂,現在他要求的賂增加了。

     2鄭不堪命:鄭人不能夠忍受。

     3不書所戰:不把作戰的地方寫出來。

     4後也:因為魯桓公到的時候甚晚。

     今譯 宋國向鄭國要求增加賄賂,鄭國人不能忍受他的要求,所以就借着紀國與魯國的軍隊和齊國、宋國、衛國、燕國的軍隊作戰。

    沒有記載會戰的地方,是因為魯桓公到得太遲。

     經三月,葬衛宣公1。

     今注 1衛宣公:名晉。

    此經無傳。

     今譯 三月,安葬衛宣公。

     經夏大水1。

     今注 1此經無傳。

     今譯 夏,發生大水災。

     經秋七月。

     今譯 秋,七月。

     經冬十月。

     今譯 冬,十月。

     傳鄭人來請修好1。

     今注 1來請修好:因為魯國幫助伐宋,所以要求重新修好。

     今譯 鄭國人來魯國請求重新修訂兩國的和約。

     桓公十四年(公元前六九八年) 經十有四年春正月,公會鄭伯于曹。

     傳十四年春,會于曹,曹人緻饩1,禮也2。

     今注 1緻饩:饩是未熟的食物;因為魯國與鄭公會于曹,曹伯當然與會。

     2禮也:因為曹是地主,其贈送食物,這是合于道理的。

     今譯 十四年,春,魯桓公與曹伯會見于曹。

    曹國人贈送生的食物,這是合于禮的。

     經無冰1。

     今注 1無冰:表示不合于季節。

    此經無傳。

     今譯 沒有冰雪。

     經夏五1。

     今注 1夏五:竹簡因年久損壞,并非不書月,含有深文大義。

    此經無傳。

     今譯 夏五。

     經鄭伯使其弟語來盟。

     傳夏,鄭子人1來尋盟2,且修曹之會3。

     今注 1子人:弟語。

     2尋盟:重申以前的舊盟。

     3且修曹之會:并且修好最近與曹的盟會。

     今譯 夏,鄭伯的弟弟子人來魯國重申以前的舊盟,并且修訂最近在曹國的會盟。

     經秋八月壬申,禦廪災。

    乙亥,嘗。

     傳秋八月壬申,禦廪1災2。

    乙亥,嘗3,書不害也4。

     今注 1禦廪:魯侯親耕所得的食糧,儲藏的倉庫。

     2災:為火所焚。

     3嘗:祭祖先的意思。

     4書不害也:谷被災,而能祭祀祖先,可見禦廪是未受災害的。

     今譯 秋,八月壬申,天火焚燒魯國的禦廪。

    乙亥,祭祀祖先。

    記載這件事表示天火并未損害祭祀用的谷物。

     經冬十有二月丁巳,齊侯祿父1卒。

     今注 1祿父:齊僖公,隐公六年曾與魯國盟于艾。

    齊僖公的時候,齊國已經相當地強盛,所以《國語·齊語》稱他為“小霸”。

     今譯 冬,十二月丁巳,齊僖公祿父逝世。

     經宋人以齊人、蔡人、衛人、陳人伐鄭。

     傳冬,宋人以1諸侯2伐鄭,報宋之戰3也。

    焚渠門4,入及大逵5,伐東郊6,取牛