卷一

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安莒3而歸。

    夏,莒人4入5向。

    以姜氏還。

     今注 1向:據《世本》,“向,姜姓”。

    孔疏所引。

    江永《春秋地理考實》說:“向地在山東者二,《寰宇志》莒州南七十裡有向城……以近莒言之此是也。

    ” 2向姜:向國之女。

     3莒:據《世本》,“莒巳姓”,同為孔疏所引。

    在今山東省莒縣。

     4人:将爵位低而所率軍隊少則稱人。

     5入:襄公十三年孔疏說:“人謂入其都邑,制其人民。

    ” 今譯 莒子娶妻于向國,向姜不安于莒國而回到向國。

    夏,莒人攻入向國,把姜氏帶回。

     經無駭帥師入極。

     傳司空1無駭2入極3,費4庈父5勝之。

     今注 1司空:魯國共有三卿,即司徒、司馬、司空。

     2無駭:魯卿。

     3極:魯附庸小國。

    今山東省魚台縣西有極亭。

     4費:魯邑,在今山東省魚台縣西南,與季孫氏所封之費,不同地。

     5庈父:庈音琴。

    魯大夫,食邑于費者。

     今譯 魯國的司空無駭攻入極城,費庈父(費伯)把他打敗。

     經秋八月庚辰,公及戎盟于唐。

     傳戎請盟,秋,盟于唐1,複修戎好也。

     今注 1唐:魯地,在今山東省魚台縣東十二裡。

     今譯 戎人請求締結盟約。

    秋,結盟于唐。

    這是再度與戎人修好。

     經九月,紀裂來逆女。

     傳九月,紀1裂2來逆女,卿為君逆3也。

     今注 1紀:姜姓,侯爵,今山東省壽光縣東南有紀城。

     2裂:是紀卿名。

     3逆:迎接。

     今譯 九月,紀大夫裂來迎接魯隐公的女兒,這是大夫迎娶國君女兒的例子。

     經冬十月,伯姬1歸于紀。

     今注 1伯姬:是隐公的長女。

     今譯 冬,十月,魯隐公的長女伯姬嫁到紀國。

     經紀子帛、莒子盟于密。

     傳冬,紀子帛1、莒子盟于密2,魯故也3。

     今注 1子帛:是紀裂的字。

    《公羊》《穀梁》兩傳皆作子伯。

     2密:今山東省昌邑縣東南十五裡有密鄉故城。

     3魯故也:因為魯與莒不太和好,故紀與盟,以便調停。

     今譯 冬,紀大夫子帛(裂)與莒子結盟于密。

    這是為了讓魯國與莒國和好的緣故。

     經十有二月,乙卯,夫人子氏1薨2。

     今注 1子氏:桓公之母仲子。

     2薨:小君得從君例,故亦曰薨。

     今譯 十二月,乙卯,魯桓公的母親子氏薨。

     經鄭人伐衛。

     傳鄭人伐衛,讨公孫滑之亂也1。

     今注 1衛人為公孫滑伐鄭取廪延,見隐公元年。

     今譯 鄭國人讨伐衛國,這是為了讨伐公孫滑伐鄭取廪延。

     隐公三年(公元前七二○年) 經三年,春王二月,己巳,日有食之1。

     今注 1日有食之:現在所謂的日食。

    此經無傳。

     今譯 三年,春,周王曆二月己巳,有日食現象。

     經三月庚戌,天王崩。

     傳三年,春王三月壬戌1,平王崩。

    赴以庚戌故書之。

     今注 1壬戌:庚戌是比壬戌早十二天。

    因為周室希望諸侯趕緊來,所以赴告将它提早十二天。

     今譯 三年,春,周王曆的三月,壬戌,周平王駕崩。

    以庚戌赴告,所以經上就記為庚戌。

     經夏,四月辛卯,君氏卒。

     傳夏,君氏1卒,聲子也。

    不赴2于諸侯。

    不反哭于寝3,不祔于姑4,故不曰薨5,不稱夫人,故不言葬。

    不書姓6,為公故曰君氏7。

     今注 1君氏:《公羊》《穀梁》皆看見段缺損的《春秋·經》,誤作尹氏。

     2赴:照例應該寫到竹簡上送往各諸侯國。

     3不反哭于寝:葬後不回到正寝去哭。

     4不祔于姑:因為最初的禮節,并非合葬,所以《禮記·檀弓》篇說:“合葬非古也。

    ”按最古為二部制,互通婚姻,下代的妻恰與其姑同姓,故必須祔于姑而不能祔于夫。

     5薨:夫人等于諸侯亦曰薨。

     6不書姓:以避免為正夫人。

     7君氏:因為隐公現在為君,所以稱她為君氏。

     今譯 夏,隐公的母親聲子死了。

    不赴告于諸侯各國;葬後從墓地回來,不到正寝哭祭;并且不祔祭于祖姑。

    聲子的喪禮缺少了這三種禮節,故不說是薨,并且因為不稱她夫人,故經上不說是葬。

    不寫她的姓,然而為了隐公的緣故,稱她為君氏。

     傳鄭武公莊公為平王卿士1,王貳于虢2,鄭伯怨王,王曰無之3,故周鄭交質4,王子狐5為質于鄭,鄭公子忽6為質于周。

    王崩,周人将畀7虢公政。

    四月,鄭祭足8帥師取溫9之麥,秋又取成周10之禾,周鄭交惡11。

    君子曰:“信不由中12,質無益13也?明恕14而行,要之以禮15,雖無有質,誰能間16之,苟有明信17,澗、溪、沼、沚18之毛19,蘋、蘩、蘊、藻20之菜,筐、筥、锜、釜21之器,潢、汙、行、潦22之水,可薦23于鬼神,可羞24于王公,而況君子結二國之信,行之以禮,又焉25用質?《風》26有《采蘩》《采蘋》27,《雅》28有《行葦》《泂酌》29,昭30忠信也。

    ” 今注 1卿士:就是六卿。

     2貳于虢:在今河南陝縣東南有虢城。

    王欲分政于虢,不複專任鄭伯。

     3無之:沒有分政的事。

     4交質:交換人質。

     5王子狐:平王之子。

     6公子忽:鄭伯之子。

     7畀:給予。

     8祭足:鄭大夫。

     9溫:周地,在今河南省溫縣西南三十裡。

     10成周:今之洛陽。

     11交惡:互相怨惡。

     12中:心中。

     13無益:沒用處。

     14明恕:明察寬大。

     15要之以禮:加之以合禮。

     16間:離間。

     17明信:明定的誠信。

     18澗、溪、沼、沚:山夾水曰澗,山渎無所通曰溪,沼池曰沼,小渚曰沚。

     19毛:毛草。

     20蘋、蘩、蘊、藻:蘋音頻,大蓱也。

    蘩音煩,皤蒿也。

    藻,水草。

    顧炎武曰“蘊亦水草”。

     21筐、筥、锜、釜:《詩毛傳》:“方曰筐,員曰筥,有足曰锜,無足曰釜。

    ”洪亮吉說:“杜注本此。

    ” 22潢、汙、行、潦:服虔說:“畜小水謂之潢;水不流謂之汙;行潦,道路之水是也。

    ” 23薦:備品物。

     24羞:緻滋味。

     25焉:安。

     26《風》:《詩經·國風》。

     27《采蘩》《采蘋》:《國風》篇名,意取于不嫌薄物。

     28《雅》:《詩經·大雅》。

     29《行葦》《泂酌》:《大雅》篇名,《行葦》篇意在取忠厚;《泂酌》篇意取雖行潦亦可以共祭祀。

     30昭:表示。

     今譯 鄭武公和莊公父子兩人皆做過周平王的卿士。

    平王想把政權分給西虢公。

    因此鄭伯怨恨平王。

    平王說:“沒這回事。

    ”因此周室與鄭國互相交換人質。

    王子狐到鄭國做人質,鄭公子忽到周室做人質。

    平王駕崩後,周人将政權給予虢公。

    四月,鄭大夫祭足率領軍隊去踐踏溫地的麥田;秋天,又去踐踏成周的禾田。

    于是周室與鄭國互相怨惡。

    君子說:“誠信若不是出于心中,交換人質也是沒有用處的。

    隻要明察寬大,并且以禮節約束,雖然沒有人質,誰又能夠離間他們呢?假使有明定的誠信,水澗、山溪、池沼、小渚裡生長的毛草;蘋、蘩、蘊、藻一類的水草;方的筐,圓的筥,有足的锜,無足的釜,無論哪一種器物;潢汙的止水,或行潦的流水,都可以上薦于鬼神,進獻給王公。

    何況君子締結兩國的信約,隻要照禮去做,又何必用人質呢?《詩經·國風》有《采蘩》《采蘋》兩篇,《大雅》有《行葦》《泂酌》兩篇,都是表明隻要有忠信的行為,微薄的禮物也是可用的。

    ” 經秋,武氏子來求赙。

     傳武氏子1來求赙2,王未葬也3。

     今注 1武氏子:平王崩,桓王未即位,不能命爵,故稱武氏。

     2赙:音付,助葬的物品。

     3王未葬也:平王尚未下葬。

     今譯 周大夫武氏的兒子來魯國求取平王助葬的禮物,因平王尚未下葬,新王還不能行爵命,所以隻稱武氏,并且不稱王使。

     經八月庚辰,宋公和卒。

     傳宋穆公1疾,召大司馬2孔父3而屬4殇公5焉,曰:“先君6舍7與夷而立寡人8,寡人弗9敢忘,若以大夫10之靈11,得保首領以沒12,先君若問與夷,其将何辭以對?請子奉之以主社稷13,寡人雖死,亦無悔14焉。

    ”對曰:“群臣願奉馮15也。

    ”公曰:“不可,先君以寡人為賢,使主社稷,若棄16德不讓,是廢先君之舉也,豈曰能賢?光昭17先君之令德18,可不務19乎?吾子其無廢先君之功20。

    ”使公子馮出居于鄭。

    八月庚辰,宋穆公卒,殇公即位。

    君子曰:“宋宣公可謂知人21矣!立穆公,其子飨22之,命以義夫23!《商頌》24曰:‘殷受命鹹宜25,百祿是荷26!’其是之謂乎!” 今注 1穆公:名和,宣公力之弟。

     2大司馬:宋官名。

     3孔父:名嘉,是孔子六代祖。

    見昭公七年杜注,茲附世系表于下:宋闵公—(宋厲公)—弗父何—宋父周—世子勝—正考父—孔父嘉—木金父—臯夷父—宋厲公,防叔—伯夏—叔梁纥—孔子。

     4屬:托付。

     5殇公:宣公子,名與夷。

     6先君:指宣公。

     7舍:放棄。

     8寡人:諸侯自稱。

     9弗:不也。

     10大夫:指孔父。

     11靈:《廣雅》:“靈,福也。

    ”蓋蒙人的恩寵,猶如得神靈的保佑。

     12沒:善終。

     13社稷:社是土神,稷是谷神,古人連稱為社稷。

    社稷代表國家。

     14悔:後悔。

     15馮:音憑。

    是穆公子莊公。

     16棄:廢棄。

     17光昭:光大昭明。

     18令德:美德。

     19務:專力。

     20功:功勞。

     21知人:知人能任。

     22飨:享受。

     23命以義夫:這是由義來命令的。

     24《商頌》:《詩經》的一篇。

     25鹹宜:皆合适。

     26百祿是荷:所以可以擔任百祿。

     今譯 宋穆公病危了,召見大司馬孔父,把殇公托付給他,對他說:“先君舍去與夷而立我為國君,我不敢忘記先君的恩惠。

    若是托大夫的福,我能夠保全首領而死,先君若是問起與夷,我要怎樣回答他呢?請你尊奉與夷,使他主持國家,我雖死,也就不後悔了。

    ”孔父回答說:“大臣們願意尊奉莊公為國君。

    ”穆公說:“不可以。

    先君以為我賢明,故令我主持國家,若是我抛棄賢德而不退讓,就是白費了先君的推舉,怎能說是賢明呢?為了光耀昭明先君的美德,可以不努力嗎?我的先生,請不要廢棄了先君的功勞。

    ”于是叫公子馮(莊公)離國去住在鄭國。

    八月,庚辰,宋穆公卒,殇公即位。

    君子說:“宋宣公可以說是知人善任的了!立了穆公,而他自己的兒子享受君位,這是由義而命令的!《詩經·商頌》說:‘殷代的湯和武丁受命都是合于正道,所以承受了天下的百祿!’這句詩就是指此而說的!” 經冬,十有二月,齊侯鄭伯盟于石門。

     傳冬,齊、鄭盟于石門1尋盧2之盟也,庚戌3,鄭伯之車偾4于濟5。

     今注 1石門:齊地,在今山東省長清縣西南。

     2盧:齊地,在今山東省長清縣西南二十五裡。

     3庚戌:杜注,十二月無庚戌日,誤。

     4偾:翻。

     5濟:濟水,在山東。

     今譯 冬,齊國與鄭國結盟于石門。

    這是重修盧的盟約。

    庚戌,鄭伯的車子在濟水翻車。

     經癸未,葬宋穆公1。

     今注 1此經無傳。

     今譯 癸未這天,給宋穆公行葬禮。

     傳衛莊公1娶于齊東宮2得臣3之妹曰莊姜4。

    美而無子,衛人所為賦《碩人》5也。

    又娶于陳6,曰厲妫7,生孝伯,早死。

    其娣8戴生桓公9,莊姜以為己子,公子州籲,嬖人10之子也。

    有寵而好兵11,公弗禁12,莊姜惡之,石碏13谏曰:“臣聞愛之,教之以義方14,弗納15于邪16。

    驕、奢、淫、泆17所自邪也。

    四者之來,寵祿18過也,将立19州籲,乃定20之矣,若猶未21也,階之為禍22。

    夫寵而不驕,驕而能降23,降而不憾24,憾而能眕25者鮮矣26。

    且夫賤妨27貴,少陵28長,遠間29親,新間舊,小加大30,淫破31義,所謂六逆32也。

    君義,臣行,父慈,子孝,兄愛,弟敬,所謂六順也。

    去33順效34逆,所以速35禍也。

    君人者36,将禍是務去37,而速之,無乃不可乎?”弗聽,其子厚38與州籲遊,禁之,不可,桓公立,乃老39。

     今注 1衛莊公:名揚。

     2東宮:太子所住的宮曰東宮。

     3得臣:齊太子名。

     4莊姜:孔疏謂為齊莊公之女。

    春秋時的習慣,女子用母家的姓,所以稱為莊姜。

     5《碩人》:《詩經》篇名。

     6陳:在今河南省陳縣,虞舜之後。

     7妫:陳姓,武王女大姬适胡公滿,封于陳。

     8娣:從嫁女子。

     9桓公:名完。

     10嬖人:賤而為君所寵幸者。

     11好兵:喜戰鬥。

     12弗禁:不加以禁止。

     13石碏:衛大夫。

     14義方:方正。

     15弗納:不入。

     16邪:非正曰邪。

     17驕、奢、淫、泆:驕傲、奢侈、淫亂、放縱。

     18寵祿:寵愛厚祿。

     19立:立為太子。

     20定:決定。

     21猶未:尚未定。

     22階之為禍:由此下去不至于禍患不止。

     23降:降心,抑制。

     24憾:恨。

     25眕:按:《爾雅·釋言》:“眕,重也。

    ” 26鮮矣:很少。

     27妨:妨害。

     28陵:欺淩。

     29間:離間。

     30小加大:小國加兵于大國。

     31破:毀壞。

     32逆:與順相反,謂之逆。

     33去:離開。

     34效:仿效。

     35速:加快。

     36君人者:為人君者。

     37務去:努力去掉。

     38厚:石碏之子。

     39老:退休。

     今譯 衛莊公娶了齊國太子得臣的妹妹為妻,她名叫莊姜,長得很美但沒有生子,衛國人為她賦了一首《碩人》的詩。

    衛莊公又娶于陳國,名叫厲妫,生了孝伯,而孝伯早死。

    厲妫從嫁的女子戴妫生了桓公,莊姜把桓公當作自己的兒子一般看待。

    公子州籲是莊公寵幸的嬖人所生,他恃有莊公的寵愛而非常喜愛戰鬥。

    莊公不禁止他,但莊姜厭惡他。

    衛大夫石碏進谏說:“臣聽說愛護自己的兒子,要教導他方正的行為,不要使他陷入邪道。

    驕傲、奢侈、淫亂、泆蕩就是邪道所以發生的原因。

    這四種行為的發生就是因為寵愛和厚祿太過分。

    若是将要立州籲為太子,就請趕快決定;若還不決定,等于是給了他攀緣的階梯,以至于禍患不止。

    受寵而不驕傲,驕傲而能抑制,抑制而不恨,雖恨而能自重,這種人是很少的。

    況且卑賤的人妨害高貴的人,年少的人欺淩年長的人,疏遠的人離間親密的人,新人離間舊人,小國而加兵于大國,淫亂而毀壞了正義,這就是所謂六種悖逆的行為。

    國君有義,臣子行義,父親慈愛,兒子孝順,哥哥友愛,弟弟敬愛,這就是所謂六種和順的行為。

    摒棄和順而效法悖逆,就是加速禍患的發生。

    做國君的人,應該把禍患努力除掉,反而去加速它,不是不可以嗎?”衛莊公不聽他的話。

    石碏的兒子石厚與州籲同遊,石碏不能禁止他。

    等到衛桓公嗣位以後,石碏就告老退休了。

     隐公四年(公元前七一九年) 經四年,春,王二月,莒1人伐杞2,取3牟婁4。

     今注 1莒:己姓,在今山東省莒縣。

     2杞:姒姓,武王克殷,求禹之後東樓公封于杞,在今河南省杞縣。

     3取:取得,表示甚容易。

     4牟婁:在今山東省諸城縣。

    此經無傳。

     今譯 四年,春,周王曆的二月,莒國人攻伐杞國,取得牟婁。

     經戊申,衛州籲,弑其君完。

     傳四年春,衛州籲弑桓公1而立2,公與宋公為會,将尋3宿之盟4,未及期5,衛人來告亂。

     今注 1桓公:名完。

     2而立:州籲遂自立為君。

     3尋:重申。

     4宿之盟:在隐公元年。

     5未及期:未到預約的日期。

     今譯 四年,春,衛國的州籲弑衛桓公而自立。

    魯隐公與宋殇公相會,将要重申過去的盟約,還沒有到預約的日期,衛國人就來報告亂事。

     經夏,公及宋公遇于清。

     傳夏,公及宋公遇1于清2。

     今注 1遇:未預約曰遇。

     2清:衛地,今山東省東阿縣有清亭。

     今譯 夏,魯隐公及宋殇公在清相遇。

     經宋公、陳侯、蔡人、衛人伐鄭。

     傳宋殇公之即位1也,公子馮2出奔鄭,鄭人欲納3之。

    及衛州籲立,将修先君之怨4于鄭,而求寵5于諸侯6,以和7其民。

    使告于宋曰:“君若伐鄭,以除君害8,君為主,敝邑9以賦10與陳11、蔡12從,則衛國之願也。

    ”宋人許之,于是陳、蔡方睦13于衛,故宋公14、陳侯15、蔡人、衛人伐鄭,圍其東門16,五日而還。

    公17問于衆仲18曰:“衛州籲其成乎?”對曰:“臣聞以德19和民,不聞以亂20。

    以亂,猶治絲21而棼22之也。

    夫州籲阻兵23而安忍24,阻兵無衆,安忍無親,衆叛親離,難以濟25矣;夫兵猶火也,弗戢26将自焚也。

    夫州籲弑其君27,而虐用28其民,于是乎不務令德29,而欲以亂成30,必不免31矣!” 今注 1即位:為君。

     2馮:音憑。

     3納:納入宋為君。

     4将修先君之怨:這指隐公二年,鄭莊公伐衛的仇怨。

     5寵:會盟。

     6諸侯:各國。

     7和:安定。

     8君害:指公子馮。

     9敝邑:對諸侯自稱。

     10賦:是賦稅,但暗中指的是軍隊。

     11陳:妫姓。

    在今河南省陳縣。

     12蔡:姬姓。

    為文王子蔡叔度之後,蔡仲所封。

    在今河南省上蔡縣。

     13睦:和好。

     14宋公:指宋殇公。

     15陳侯:指陳桓公。

     16東門:鄭國都城的東門。

     17公:魯隐公。

     18衆仲:魯大夫。

     19德:德行。

     20亂:紛亂。

     21治絲:整理亂絲。

     22棼:更加亂。

     23阻兵:憑恃武力。

     24安忍:安于殘忍。

     25濟:成功。

     26戢:收斂也。

     27其君:指衛桓公。

     28虐用:虐待。

     29不務令德:不緻力于美德的進修。

     30成:成功。

     31不免:不免于禍害。

     今譯 宋殇公即位的時候,公子馮出奔到鄭國,鄭國人想要接納他,使他為宋君。

    等到衛國州籲自立為君,将要重提先君時鄭莊公伐衛的仇怨,借以尋求各國的會盟,借以安定他的人民。

    于是便派人去告訴宋國說:“你若是讨伐鄭國,可順便除去你的禍害公子馮,你做主國,敝邑以全國的賦稅,與陳國、蔡國做從國,這是衛國所願意的。

    ”宋國人答應了他。

    于是陳國、蔡國進而與衛國和好。

    因此,宋殇公、陳桓公、蔡國人、衛國人一同去攻伐鄭國,包圍了鄭國都城的東門,圍了五天才退兵回去。

    魯隐公問大夫衆仲說:“衛國的州籲他能夠成功嗎?”衆仲回答說:“臣隻聽說以德行來安定人民,不曾聽說以紛亂的辦法。

    以紛亂的辦法就好像整理亂絲而更加弄亂它。

    那個州籲,憑恃武力而安于殘忍。

    恃着兵威則将失去民衆,安于殘忍則将失去親人,民衆背叛而親人離心是難以成功的;兵事就好像火一樣,不收斂就會燒到自己。

    那個州籲弑了他的國君,而虐待他的人民,像這樣不緻力于修養美德,而妄想以紛亂成事,必定不免于禍患敗亡的。

    ” 經秋,翚帥師會宋公、陳侯、蔡人、